कवि 'गिरिजा कुमार माथुर' द्वारा रचित कविता ‘छाया मत छूना' में दुख के निम्नलिखित कारण बताए है-
(i) व्यक्ति अतीत की यादों में खोया रहता है और वर्तमान के सुख तक नहीं भोग पाता है। बीती बातें बार-बार उसे याद आकर वर्तमान में सताती रहती हैं।
(i) उसे अपने प्रिय मिलन की मीठी यादें आती हैं। उसकी देह गंध, और केशों के पुष्पगुच्छ याद-आ-आकर सताते हैं।
(iii) धन-दौलत और वैभव सभी सुख मृगतृष्णा के समान उसे भरमाते रहते हैं।
(iv) उसे इस बात का भी दुख होता है कि उसकी इच्छाओं की पूर्ति कभी समय पर न हो पाई।