कवि ने प्रकृति की शोभा को वैभवशाली बताया है क्योंकि फागुन मास में बाग बगीचे आदि सभी स्थानों के पेड़ों पर हरे-भरे पत्ते लद जाते हैं जिसमें संपूर्ण वातावरण आकर्षक बन जाता है। फूलों से लदे पेड़ ऐसे लग रहे हैं मानो उन्होंने अपने गले में सुगंधित फूलों की मालाएँ डाल रखी हो। चारों ओर उत्साह का अद्भुत वातावरण बन जाता है।