'हर चंद्रिका में छिपी एक रात कृष्णा है' पंक्ति के माध्यम से कवि जीवन के उस यथार्थ को बताना चाहता है कि हर सुख में दुख छिपा है क्योंकि चंद्रिका सुखों का और कृष्णा दुखों का प्रतीक है। जिस प्रकार हर रात के बाद दिन आता है उसी प्रकार जीवन में सुख-दुख बारी-बारी से आते रहते हैं। व्यक्ति जीवन के यथार्थ अर्थात जीवन में आने वाली कठिनाइयों का सामना धैर्य व साहस से कर सकता है। यथार्थ का सामना करके, उससे संघर्ष करके ही उसे पस्त किया जा सकता है। बीते दुख के दिनों को याद करने का कोई फायदा नहीं। अतः यथार्थ का डटकर सामना करना चाहिए।