0 votes
87 views
in Hindi by
edited
पाँयनि नूपुर मंजु बजै, कटि किंकिनि कै धुनि की मधुराई।साँवरे अंग लसै पट पीत, हिये हुलसै बनमाल सुहाई।

1 Answer

0 votes
by
selected
 
Best answer
इन पंक्तियों में कवि ने श्रृंगार रस का प्रयोग किया है। उन्होंने पायल और कमरघनी से निकलने वाले संगीत की मधुरता का चित्रण किया है। इसके बाद उन्होंने साँवले अंग पर पीले वस्त्रों की शोभा का बखान किया है। साथ में फूलों की माला का बखान भी किया है। इसमें तरह-तरह के अलंकारों का प्रयोग हुआ और तुकबंदी भी अच्छी की गई है।

Related questions

Doubtly is an online community for engineering students, offering:

  • Free viva questions PDFs
  • Previous year question papers (PYQs)
  • Academic doubt solutions
  • Expert-guided solutions

Get the pro version for free by logging in!

5.7k questions

5.1k answers

108 comments

559 users

...