0 votes
117 views
in Hindi by
edited
इस पूरे प्रसंग में व्यंग्य का अनूठा सौंदर्य है। उदाहरण के साथ स्पष्ट कीजिए।

1 Answer

0 votes
by
selected
 
Best answer
प्रस्तुत पदों के अध्ययन से पता चलता है कि लक्ष्मण के कथन में गहरा व्यंग्य छिपा हुआ है। लक्ष्मण परशुराम से कहते हैं कि श्री राम ने इस धनुष को छुआ ही था कि यह टूट गया। परशुराम की डींगो को सुनकर लक्ष्मण पुनः कहते हैं कि हे मुनि! आप अपने आप को एक बड़ा योद्धा समझते हैं और फूँक मारकर पहाड़ उड़ाना चाहते हैं। हम भी कोई छुईमुई के पेड़ नहीं है जो अंगुली के इशारे से मुरझा जाए। आपने धनुष-बाण व्यर्थ ही धारण किए हुए हैं क्योंकि आपका एक वचन ही करोड़ों वज्रों के समान है।

Related questions

Doubtly is an online community for engineering students, offering:

  • Free viva questions PDFs
  • Previous year question papers (PYQs)
  • Academic doubt solutions
  • Expert-guided solutions

Get the pro version for free by logging in!

5.7k questions

5.1k answers

108 comments

537 users

...