शास्त्र में कहा गया है कि विनम्रता सदा पुरुषों को शोभा देती है। कमजोर और कायर व्यक्ति का विनम्र होना, उनका गुण नहीं, अपितु उनकी मजबूरी है क्योंकि वह किसी को हानि नहीं पहुँचा सकता। दूसरी ओर जब कोई शक्तिशाली व्यक्ति दीन दुखियों की सहायता करता है अथवा उनका सम्मान करता है तो वह उसका महान गुण बन जाता है।