बालकु बोलि बधौं नहि तोही।
इस पंक्ति में ‘ब’ वर्ण का बार बार प्रयोग हुआ है; इसलिए यह अनुप्रास अलंकार है।
कोटि कुलिस सम बचनु तुम्हारा।
इस पंक्ति में ‘क’ वर्ण का बार बार प्रयोग हुआ है, इसलिए यह अनुप्रास अलंकार है। परशुराम के वचनों की वज्र से तुलना की गई है इसलिए यहाँ पर उपमा अलंकार का भी प्रयोग हुआ है।
तुम्ह तौं कालु हाँक जनु लावा। बार बार मोहि लागि बोलावा॥
कालु हाँक जनु लावा में उत्प्रेक्षा अलंकार का प्रयोग हुआ है। ‘बार बार’ में पुनरुक्ति अलंकार का प्रयोग हुआ है।
लखन उतर आहुति सरिस भृगुबरकोपु कृसानु। बढ़त देखि जल सम बचन बोले रघुकुलभानु॥
‘आहुति सरिस’ और ‘जल सम’ में उपमा अलंकार का प्रयोग हुआ है। ‘रघुकुलभानु’ में रूपक अलंकार का प्रयोग हुआ है।