तुलसीदास जी ने अपने काव्य में अवधि भाषा का प्रयोग किया है तुलसीदास कवि विभक्त होने के साथ-साथ महान विद्वान भी थी उनकी काव्य रचना व्याकरण की दृष्टि से शुद्ध एवं सफल है उन्होंने तत्सम शब्दों के साथ साथ तद्भव शब्दों का भी प्रयोग किया है लोक प्रचलित मुहावरे और लोकोक्तियाँ का प्रयोग देखते ही बनता है।