गोपियों के लिए योग साधना बिल्कुल निरर्थक है। उनके लिए यह कड़वी ककड़ी के समान है और अरुचिकर है। वह उनके कानों को कष्ट देने वाली प्रतीत होती है। इतना ही नहीं, वह योग साधना को अनीतिपूर्ण बताकर उसका विरोध करती हैं। वे योग साधना की शिक्षा उन लोगों को देना चाहती हैं जिनके मन में भ्रम है।