गोपियाँ कहती हैं कि हमारी प्रेम भावना हमारे मन में ही रह गई हैं। हम अपने मन की भावना श्री कृष्ण को बताना चाहती थी लेकिन उनका योग संदेश सुनकर तो हम उन्हें कुछ भी नहीं बता सकती। हमें उम्मीद थी कि श्री कृष्ण एक न एक दिन लौट आएँगे लेकिन उनका यह योग संदेश सुनकर हमारे विरह की आग और भड़क गई है गोपियों को यह भी आशा थी कि श्री कृष्ण मर्यादा का पालन करेंगे किंतु उन्होंने तो प्रेम की मर्यादा तोड़ डाली है इस प्रकार वे मर्यादाहीन हो गए हैं।