परशुराम के क्रोध करने पर लक्ष्मण ने तर्क देते हुए कहा कि हमने बचपन में बहुत धनुष तोड़े हैं। इसको तोड़ने पर आपको क्रोध क्यों आया? क्या आपकी इस धनुष के प्रति अधिक ममता थी? हमारी दृष्टि में तो सारे धनुष समान है। दूसरा यह धनुष अत्यधिक पुराना था जो श्रीराम के छूने मात्र से ही टूट गया। भला इसमें श्रीराम का क्या दोष?