माँ के इन शब्दों में लाक्षणिकता विद्यमान है। लड़की होने का तात्पर्य है कि उसमें कोमलता, सुंदरता, सहनशीलता, ममता, माधुर्यता आदि स्वाभाविक गुण होना। उसके इन गुणों के कारण ही परिवार बनते हैं और समाज का विकास होता है। किंतु साथ ही माँ का यह कहना लड़की जैसी दिखाई मत देना का तात्पर्य है, उसे सामाजिक स्थितियों या शोषण का विरोध करने का साहस भी होना अनिवार्य है।