जिस प्रकार एक पथिक को यात्रा पूरी करने के लिए मार्ग में पाथेय की जरूरत पड़ती है। उसी प्रकार कवि ने अपनी लंबी और दुखभरी जीवन यात्रा में सुखद एवं मधुर स्मृतियों को मन में संजोया है, ताकि उनके सहारे वह अपना आने वाला जीवन व्यतीत कर सकें। उनके जीवन में जो मधुर एवं सुखद क्षण थे, उन्हें वे अपनी निजी संपत्ति समझकर दूसरों के सामने व्यक्त नहीं करना चाहते।