कवि बताना चाहता है कि फसल पैदा करने के लिए घर के सभी व्यक्तियों को परिश्रम करना पड़ता है। किसान का पूरा परिवार फसल को उत्पन्न करने में जुटा रहता है। अकेले किसान के परिश्रम या अकेली प्राकृतिक शक्ति कुछ नहीं कर सकती। यह एक नहीं अनेक लोगों की महिमा है। फसल से अनेक लोगों का पेट भरता है। इससे स्पष्ट है कि कवि ने किसान के परिश्रम को उद्घाटित करने का सफल प्रयास किया है।