इस कविता के माध्यम से पता चलता है कि जयशंकर प्रसाद अत्यंत सरल स्वभाव के व्यक्ति थे। विनम्रता उनके व्यक्तित्व की प्रमुख विशेषता थी। कवि द्वारा यह कहना 'अभी समय भी नहीं' के दो प्रमुख कारण रहे होंगे। प्रथम उसने अभी तक कोई महान कार्य नहीं किया होगा कि उसके बारे में आत्मकथा लिखकर संसार भर को बताया जा सके। दूसरा कारण यह है कि कवि का जीवन शांतचित्त है। उसके जीवन में व्यथा ही व्यथा है।