अलोपीदीन को जब गैर - कानूनी नमक का व्यवसाय करते पकड़ लिया गया और हथकड़ी लगाकर अदालत ले . जाया गया तो लोग तरह - तरह की आलोचनाएँ एवं टीका - टिप्पणी करने लगे। ऐसे - ऐसे लोग जो स्वयं अनेक प्रकार की बेईमानी करते थे, गैर - कानूनी काम करते थे, अलोपीदीन की निन्दा इस तरह कर रहे थे, कि जैसे वे स्वयं देवताओं की भाँति निष्पाप और पवित्र हों।
किन्तु सच्चरित्रता, कर्तव्यनिष्ठा, स्वच्छ व्यवहार और नैतिकता आदि गुणों के महत्त्व पर लोगों का ध्यान नहीं जाता था। उनकी ओर से लोगों ने आँखें बंद कर रखी थीं, वे सो रहे थे।