0 votes
62 views
in Discuss by
edited
कहानी के अन्त में अलोपीदीन द्वारा वंशीधर को मैनेजर नियुक्त करने के पीछे क्या कारण हो सकते हैं ? तर्क सहित उत्तर दीजिए। आप इस कहानी का अन्त किस प्रकार करते?

1 Answer

0 votes
by
selected
 
Best answer
कहानी के अन्त में अलोपीदीन द्वारा वंशीधर को अपनी जायदाद का स्थायी मैनेजर नियुक्त करने के उपयुक्त कारण ये हैं -
1. अलोपीदीन वंशीधर की ईमानदारी, कर्त्तव्यपरायणता देखकर दंग थे। आज की दुनिया में ऐसा ईमानदार आदमी मिलना कठिन था।

2. अलोपीदीन अनुभवी व्यक्ति थे। जो व्यक्ति चालीस हजार की रिश्वत ठुकरा सकता है, वह कितना ईमानदार एवं कर्तव्यपरायण होगा। ऐसा विश्वासपात्र व्यक्ति उन्हें फिर कहाँ मिल सकता था ? इसीलिए उन्होंने वंशीधर को अपनी जायदाद का स्थायी मैनेजर नियुक्त कर दिया।

3. अलोपीदीन बहुत बड़े जमींदार थे। उनके पास अनुचित उपायों से अर्जित ढेरों धन भी था। लेकिन इस सारे वैभव की सुरक्षा और सुप्रबंध के लिए मुंशी वंशीधर जैसे विश्वासपात्र कर्मचारी की आवश्यकता थी वैसा व्यक्ति मिलना आज के समाज में बहुत कठिन था। अत: अलोपीदीन ने एक परखे हुए व्यक्ति (वंशीधर) को सबसे उपयुक्त पात्र माना। वंशीधर को मैनेजर बनाकर पंडित अलोपीदीन का स्वार्थ तो सिद्ध हो ही गया, पाप का प्रायश्चित भी हो गया।

कहानी का अन्त मेरे अनुसार कहानी का अन्त सर्वथा उचित है। कहानीकार का उद्देश्य धन पर धर्म की, अन्याय पर न्याय की और बेईमानी पर ईमानदारी की विजय दिखाना है। कहानी का अन्त इन सारे उद्देश्यों को पूरा करता है। अत: मैं भी कहानी का अन्त इसी रूप में करना चाहता।

Related questions

Doubtly is an online community for engineering students, offering:

  • Free viva questions PDFs
  • Previous year question papers (PYQs)
  • Academic doubt solutions
  • Expert-guided solutions

Get the pro version for free by logging in!

5.7k questions

5.1k answers

108 comments

561 users

...