माँ ने बेटी को सीख देते हुए कहा कि उसे कभी भी अपनी सुंदरता पर रीझना नहीं चाहिए क्योंकि वह उसकी कमजोरी बन जाएगी। माँ ने उसे यह भी सीख दी कि उसे घर के सारे काम करने चाहिए। दूसरों को सहयोग भी देना चाहिए परंतु अत्याचार सहन नहीं करना चाहिए। माँ ने बेटी को समझाते हुए कहा कि वस्तुओं और आभूषणों के बदले में अपनी स्वतंत्रता का गला नहीं घोटना चाहिए। अपने व्यक्तित्व की पहचान सदा बनाकर रखनी चाहिए।