गोपियाँ श्री कृष्ण से प्रेम करती हैं। अब श्री कृष्ण मथुरा चले गए हैं। वे उनके विरह में पीड़ित हैं । उद्धव श्री कृष्ण का मित्र बनकर गोपियों के पास आता है तब गोपियाँ उद्धव के व्यवहार की तुलना कमल के पत्ते व तेल की गगरी से करती हुई कहती है कि जिस प्रकार कमल का पत्ता पानी में रहकर भी उससे प्रभावित नहीं होता और तेल की गगरी भी चिकनी होती है उस पर भी पानी की बूंद नहीं लगती, ठीक उसी प्रकार उद्धव पर भी प्रेम का प्रभाव नहीं पड़ा है।