शांतिपूर्ण जीवन के लिए दो नियम है।
असफलता में उदासीनता कभी दिल में नहीं उतरनी चाहिए,
और सफलता में अहंकार कभी भी दिमाग में नहीं जाना चाहिए।
शांतिपूर्ण जीवन के लिए दो नियम है।
असफलता में उदासीनता कभी दिल में नहीं उतरनी चाहिए, और सफलता में अहंकार कभी भी दिमाग में नहीं जाना चाहिए।
चलिए इसका अर्थ समझते है, इसका क्या अर्थ हो सकता है . इसे समझाने की जरूरत नहीं है, लेकिन यह एक हटके सोच वाले लोगो को नहीं समझेगा यानि जिनकी सोच कभी सही नहीं होती अर्थात असफल लोग या सिर्फ नकरत्मक लोग , जिन्हे कुछ भी कहो सफलता और असफलता से परेशान रहते है , इसका मतलब ये नहीं की ये काबिल नहीं है ये लोग भी काबिल होते है , लेकिन अपनी ताकतों और कमजोरियों की तरह से उपयोग नहीं कर पते है , तो आप उदास या ज्यादा खुस मत होना जिंदगी में कभी भी कुछ भी हो सकता है लेकिन हर व्यक्ति हर हालत में सफर करने के लायक नहीं होता है उसे लायक बनना होता है। चलिए अभी हम अब्दुल कलाम जी के दोनों नियमो का विवरण और विश्लेसन करते है।
{ क्युकी हमारे ब्लॉग पे आपको हिंदी में सफलता के कोट्स का विश्लेसन दिया जाता है }
१} असफलता में उदासीनता कभी दिल में नहीं उतरनी चाहिए।
यहाँ पे अब्दुल कलाम जी ने जिंदगी बदलने वाली बहोत बड़ी बात कही है जैसे की इंसान को कब उदास नहीं होना चाहिए । आम तोर पे सभी लोग उदास होने के बाद ये नहीं सोचते की असफलता ही सफलता की पहली सीढ़ी है। और वे लोग पहली हार या दूसरी तीसरी हार के बाद कुछ आपने आपको ही गलत बातें बोलने लगते है जैसे की, ” मेरे साथ ही ऐसा क्यों होता है। “,”मैं बहोत घटिया इंसान हु। “,” मुझसे कुछ नहीं होगा ऐसे ही अजीब वाक्यों का अनुसरण करते रहते है , जिसकी वजह से दिमाग की बात दिल तक पहुंच जाती है और दिल और डिमोटिवेट अर्थार्थ कोशने लगता है। जो इंसान को अपने में ही तोड़ देता है। और सफल होने का मौका भी छीन लेता है।
२ } सफलता में अहंकार कभी भी दिमाग में नहीं जाना चाहिए।
हमने असफलता की बात तो बहोत की लेकिन अभिमान व्यक्ति का सबसे बड़ा दुश्मन होता है , अर्थात घमंड , यह एक चीज इंन्सान को कभी भी भीतर से खोखला कर सकती है , इसलिए इंन्सान के जीवन में घमंड का स्थान नहीं होना चाहिए व्यक्ति क्रीतग्न एवं उदार होना चाहिए। यदि आप सफल होने के बाद अहंकारी बनते है , तब आपकी बर्बादी तय है। आप आज दुसरो की इंसल्ट बेइज्जती करेंगे कल के दिन आपके साथ भी ऐसा ही हो सकता है। इसलिए जीवन में सफल होना चाहते है और आप दुसरो के लिए कुछ अच्छा करंगे तोह लोग आपको प्यार करेंगे रेस्पेक्ट इज़्ज़त देंगे जो की बहोत बड़ी चीज़ है । और किसी भी धर्म या समुदाय का वयक्ति हो दुसरो की मदद करने की बात हर धर्म कहता है। यदि आपके पास सामर्थय है किसी के मदद करने का तो अवश्य करे , क्युकी व्यक्ति के अच्छे काम मृत्यु के बाद भी साथ देते है , बुरे भी देते है लेकिन आपको मुसीबत में दालके। और दुसरो की मदद करके हम अहंकार पे काबू प् सकते है।
~अजिंक गुप्ता {हिंदी ब्लॉग लेखक }