सप्तभगिन्यः
पाठ का परिचयसप्तभगिनी-यह एक उपनाम है। उत्तर-पूर्व के सात राज्य विशेष को उक्त उपाधि दी गई है। इन राज्यों का प्राकृतिक सौन्दर्य अत्यन्त विलक्षण है। इनकी सांस्कृतिक और सामाजिक विशेषता को ध्यान में रखकर यह पाठ लिखा गया है।
अध्यापिका - सुप्रभातम्।
छात्राः - सुप्रभातम्। सुप्रभातम्।
अध्यापिका - भवतु। अद्य किं पठनीयम्?
छात्राः - वयं सर्वे स्वदेशस्य राज्यानां विषये ज्ञातुमिच्छामः।
अध्यापिका - शोभनम्। वदत। अस्माकं देशे कति राज्यानि सन्ति?
सायरा - चतुर्विंशतिः महोदये!
सिल्वी - न हि न हि महाभागे! पञ्चविंशतिः राज्यानि सन्ति।
अध्यापिका - अन्यः कोऽपि...?
स्वरा - (मध्ये एव) महोदये! मे भगिनी कथयति यदस्माकं देशे अष्टाविंशतिः राज्यानि सन्ति। एतदतिरिच्य सप्त केन्द्रशासितप्रदेशाः अपि सन्ति।
अध्यापिका - सम्यग्जानाति ते भगिनी। भवतु, अपि जानीथ यूयं यदेतेषु राज्येषु सप्तराज्यानाम् एकः समवायोऽस्ति यः सप्तभगिन्यः इति नाम्ना प्रथितोऽस्ति।
सरलार्थ:
अध्यापिका - सुप्रभात (प्रातःकाल शुभ हो)।
छात्राएँ - सुप्रभात। सुप्रभात।
अध्यापिका - ठीक है। आज क्या पढ़ना है?
छात्राएँ - हम सभी अपने देश के राज्यों के विषय में जानना चाहते हैं।
अध्यापिका - सुन्दर। बोलो। हमारे देश में कितने राज्य हैं?
सायरा - हे महोदया (श्रीमती जी)! चौबीस।
सिल्वी - नहीं, नहीं महोदया! पच्चीस राज्य हैं।
अध्यापिका - और कोई भी.....?
स्वरा - (बीच में ही) महोदया! मेरी बहन कहती है कि हमारे देश में अट्ठाईस राज्य हैं। इसके अलावा सात केन्द्रशासित प्रदेश भी हैं।
अध्यापिका - तुम्हारी बहन ठीक जानती है। ठीक है, क्या तुम सब जानते हो कि इन राज्यों में सात राज्यों का एक समूह है जो सात बहनों के नाम से प्रसिद्ध है?
शब्दार्थ: |
भावार्थ: |
सुप्रभातम् |
सुप्रभात। |
भवतु |
अच्छा (ठीक है)। |
पठनीयम् |
पढ़ना है। |
ज्ञातुम् |
जानने के लिए। |
इच्छामः |
चाहते हैं। |
शोभनम् |
सुन्दर। |
कति |
कितने। |
चतुर्विंशतिः |
चौबीस। |
महोदये |
हे महोदया! |
पञ्चवशति |
पच्चीस। |
मे |
मेरा। |
भगिनी |
बहन। |
अष्टाविंशति |
अट्ठाईस। |
अतिरिच्य |
अतिरिक्त। |
केन्द्रशासितप्रदेशाः |
केन्द्र द्वारा शासित प्रदेश। |
सम्यक (सम्यग) |
ठीक प्रकार से। |
भवतु |
अच्छा। |
अपि जानीथ |
क्या जानते हो। |
समवायः |
समूह। |
सप्त |
सात। |
प्रथितः |
प्रसिद्ध। |
सर्वे - (साश्चर्यम् परस्परं पश्यन्तः) सप्तभगिन्यः? सप्तभगिन्यः?
निकोलसः - इमानि राज्यानि सप्तभगिन्यः इति किमर्थं कथ्यन्ते?
अध्यापिका - प्रयोगोऽयं प्रतीकात्मको वर्तते। कदाचित् सामाजिक-सांस्कृतिक- परिदृश्यानां साम्याद् इमानि उक्तोपाध्निा प्रथितानि।
समीक्षा - कौतूहलं मे न खलु शान्तिं गच्छति, श्रावयतु तावद् यत् कानि तानि राज्यानि?
अध्यापिका - शृणुत!
अद्वयं मत्रयं चौव न-त्रि-युक्तं तथा द्वयम्।
सप्तराज्यसमूहोऽयं भगिनीसप्तकं मतम्।।
इत्थं भगिनी सप्तके इमानि राज्यानि सन्ति-अरुणाचलप्रदेशः, असमः, मणिपुरम्, मिजोरमः, मेघालयः, नागालैण्डः, त्रिपुरा चेति। यद्यपि क्षेत्रपरिमाणैः इमानि लघूनि वर्तन्ते तथापि गुणगौरवदृष्ट्या बृहत्तराणि प्रतीयन्ते।
अन्वयः अयं सप्तराज्यसमूहः अद्वयम् मत्रयम् च तथा नत्रियुक्तं द्वयम् एव भगिनीसप्तकं मनम्।।
सरलार्थ:
सभी - (आश्चर्य के साथ एक-दूसरे को देखते हुए) सात बहनें? सात बहनें?
निकोलस - ये राज्य सात बहनें इस नाम से क्यों कहे जाते हैं?
अध्यापिका - यह प्रयोग प्रतीक के रूप में ही है। शायद सामाजिक-सांस्कृतिक-वातावरण की समानता के कारण यह उपर्युक्त नाम से प्रसिद्ध है।
समीक्षा - मेरी जिज्ञासा शान्त नहीं हो रही है, तो सुनाइए (बताइए) कि वे कौन-से राज्य हैं?
अध्यापिका - सुनो!
'अ' से प्रारम्भ होने वाले दो, 'म' से आरम्भ होने वाले तीन और 'न' एवं 'त्रि' से युक्त दो (राज्य) (ही) सात बहनों के रूप में माना गया है।
इस प्रकार सात बहनों के रूप में ये राज्य हैं-अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मिजोरम, मेघालय, नागालैण्ड और त्रिपुरा। जबकि क्षेत्रफल (लम्बाई-चौड़ाई) के हिसाब से ये छोटे हैं तो भी गुण और गौरव (महत्त्व) की दृष्टि से बहुत बड़े प्रतीत होते हैं।
शब्दार्थ: |
भावार्थ: |
साश्चर्यम् |
आश्चर्य के साथ। |
परस्परम् |
आपस में। |
पश्यन्तः |
देखते हुए। |
किमर्थम् |
किसलिए। |
|
साङ्केतिक |
कदाचित् |
सम्भवतः। |
परिदृश्यानाम् |
वातावरणों के। |
साम्याद् |
समानता के कारण। |
उक्तोपाध्निा |
कही गई उपाधि से। |
प्रथितानि |
प्रसिद्ध हैं। |
कौतूहलम् |
जिज्ञासा (जानने की इच्छा)। |
श्रावयतु |
सुनाइए। |
अ |
'अ' वाले दो। |
म |
'म' वाले तीन। |
भगिनीसप्तकं |
सात बहनें। |
क्षेत्रपरिमाणैः |
क्षेत्रफल से। |
लघूनि |
छोटे। |
गुणगौरवदृष्ट्या |
गुण एवं गौरव की दृष्टि से। |
बृहत्तराणि |
बड़े। |
प्रतीयन्ते |
प्रतीत होते हैं। |
सर्वे - कथम्? कथम्?
अध्यापिका - इमाः सप्तभगिन्यः स्वीये प्राचीनेतिहासे प्रायः स्वाधीनाः एव दृष्टाः। न केनापि शासकेन इमाः स्वायत्तीकृताः। अनेक-संस्कृति-विशिष्टायां भारतभूमौ एतासां भगिनीनां संस्कृतिः महत्त्वाधयिनी इति।
तन्वी - अयं शब्दः सर्वप्रथमं कदा प्रयुक्तः?
अध्यापिका - श्रुतमधुरशब्दोऽयं सर्वप्रथमं विगतशताब्दस्य द्विसप्ततितमे वर्षे त्रिपुराराज्यस्योद्घाटनक्रमे केनापि प्रवर्तितः। अस्मिन्नेव काले एतेषां राज्यानां पुनः सघ्घटनं विहितम्।
स्वरा - अन्यत् किमपि वैशिष्ट्यमस्ति एतेषाम्?
सरलार्थ:
सभी - कैसे? कैसे?
अध्यापिका - ये सातों बहनें (सातों राज्य) अपने प्राचीन इतिहास में प्रायः स्वतन्त्र ही देखी गईं हैं। किसी राजा ने इन्हें अपने अधीन नहीं किया। अनेक संस्कृति की विशेषता से युक्त भारत भूमि में इन बहनों की संस्कृति महत्त्वपूर्ण है।
तन्वी - यह शब्द सबसे पहले कब प्रयुक्त हुआ (प्रयोग में आया)?
अध्यापिका - सुनने में मीठा लगने वाला यह शब्द सबसे पहले पिछली शताब्दी के बहत्तरवें (1972) वर्ष में त्रिपुरा राज्य के उद्घाटन के समय किसी ने प्रयोग किया (शुरू किया) था। इसी समय इन राज्यों का फिर से गठन हुआ।
स्वरा - इनकी और दूसरी भी कोई विशेषता है?
शब्दार्थ: |
भावार्थ: |
स्वीये |
अपने। |
स्वाधीनाः |
स्वतन्त्र। |
दृष्टाः |
देखे गए हैं। |
स्वायत्तीकृताः |
अपने अधीन किए गए। |
भारतभूमौ |
भारत के भूमि पर। |
महत्त्वाधयिनी |
महत्त्व को रखने वाली, महत्त्वपूर्ण। |
श्रुतमधुरशब्दः |
सुनने में मधुर शब्द। |
विगतशताब्दस्य |
पिछली शताब्दी के। |
प्रवर्तितः |
प्रारम्भ किया गया। |
सघ्घटनं |
संगठन (गठन)। |
विहितम् |
विध्पिूर्वक किया गया। |
वैशिष्ट्यम् |
विशेषता। |
अध्यापिका - नूनम् अस्ति एव। पर्वत-वृक्ष-पुष्प-प्रभृतिभिः प्राकृतिकसम्पद्भि: सुसमृद्धानि सन्ति इमानि राज्यानि। भारतवृक्षे च पुष्प-स्तबकसदृशानि विराजन्ते एतानि।
राजीवः - भवति! गृहे यथा सर्वाधिका रम्या मनोरमा च भगिनी भवति तथैव भारतगृहेऽपि सर्वाधिका: रम्याः इमाः सप्तभगिन्यः सन्ति।
अध्यापिका - मनस्यागता ते इयं भावना परमकल्याणमयी परं सर्वे न तथा अवगच्छन्ति। अस्तु, अस्ति तावदेतेषां विषये किञ्चिद् वैशिष्ट्यमपि कथनीयम्। सावहितमनसा शृणुत-
जनजातिबहुलप्रदेशोऽयम्। गारो-खासी-नगा-मिजो-प्रभृतयः बहवः जनजातीयाः अत्र निवसन्ति। शरीरेण ऊर्जस्विनः एतत्प्रादेशिकाः बहुभाषाभिः समन्विताः, पर्वपरम्पराभिः परिपूरिताः, स्वलीला- कलाभिश्च निष्णाताः सन्ति।
सरलार्थ:
अध्यापिका - निश्चित रूप से है ही। पहाड़-पेड़ आदि प्राकृतिक सम्पत्तियों से ये राज्य भरे हुए (समृद्ध) हैं और भारतवर्ष रूपी वृक्ष पर ये फूलों के गुच्छे की तरह शोभा पा रहे हैं।
राजीव - हे महोदया! जैसे घर में सबसे अधिक प्यारी और मन को अच्छी लगने वाली (सुन्दर) बहिन होती है वैसे ही भारतरूपी घर में भी सबसे अधिक प्यारी ये सात बहनें हैं।
अध्यापिका - तुम्हारी समझ में यह अति कल्याणकारी भावना आ गई परन्तु सभी वैसे नहीं जानते (सोचते) हैं। ठीक है, तो इनके विषय में कुछ विशेषता भी कहनी है। सावधन मन से सुनिए-
यह प्रदेश जनजातियों से युक्त है। गारो-खासी-नगा-मिजो आदि बहुत-सी जनजातियाँ यहाँ निवास करती हैं। शरीर से शक्तिशाली इस प्रदेश के निवासी बहुत भाषाओं से युक्त, पर्वों की परम्पराओं से भरे हुए, अपनी क्रिया और कलाओं में कुशल हैं।
शब्दार्थ: |
भावार्थ: |
प्रभृतिभिः |
आदि से। |
प्राकृतिकसम्पद्भि: |
प्राकृतिक सम्पदाओं से। |
सुसमृद्धानि |
बहुत समृद्ध। |
भारतवृक्षे |
भारत रूपी वृक्ष में/पर। |
पुष्प-स्तबकसदृशानि |
पुष्प के गुच्छे के समान। |
विराजन्ते |
सुशोभित हैं। |
भवति! |
हे महोदया!। |
रम्या |
रमणीय। |
मनोरमा |
मन को अच्छी लगने वाली। |
परमकल्याणमयी |
बहुत अधिक् कल्याण युक्त। |
अवगच्छन्ति |
जानते हैं। |
वैशिष्ट्यम् |
विशेषता को। |
सावहितमनसा |
सावधन मन से। |
ऊर्जस्विनः |
ऊर्जा युक्त। |
बहुभाषाभिः |
बहुत भाषाओं से। |
समन्विताः |
युक्त। |
पर्वपरम्पराभिः |
पर्वों की परम्परा से। |
परिपूरिताः |
पूर्ण, भरे-पूरे। |
स्वलीलाकलाभिः |
अपनी क्रिया एवं कलाओं से। |
निष्णाताः |
कुशल। |