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रासायनिक अभिक्रियाएँ और समीकरण

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✵रसायनिक परिवर्तन को भी रसायनिक अभिक्रिया कहा जाता है।
✵रसायनिक अभिक्रिया के दो भाग होते है , (1) अभिकारक (2) उत्पाद
✵वे पदार्थ जिनमे रसायनिक अभिक्रिया के द्वारा रसायनिक परिवर्तन होता है अभिकारक कहलाते है।
✵अभिक्रिया के दौरान नए बनने वाले पदार्थ उत्पाद कहलाते है।
शब्द-समीकरणमें अभिकारकों के उत्पाद में परिवर्तन को उनके मध्य एक तीर का निशान लगाकर दर्शाया जाता है।
✵तीर का सिरा उत्पाद की ओर इंगित करता है और अभिक्रिया होने की दिशा को दर्शाता है।
✵अभिकारकों के बीच योग (+) का चिन्ह लगाकर उन्हें बाई ओर (LHS) लिखा जाता है। इसी प्रकार उत्पादों के बीच भी योग (+) चिन्ह लगाकर उन्हें दाई ओर (RHS) लिखा जाता है।
✵शब्दों की जगह रसायनिक सूत्र का उपयोग करके रसायनिक समीकरणों को अधिक संक्षिप्त और उपयोगी बनाया जा सकता है।
✵एक रसायनिक समीकरण एक रसायनिक अभिक्रिया का प्रतिनिधित्व करता है।
✵प्रत्येक तत्व के परमाणुओं की संख्या तीर के दोनों ओर सामान होते है।
असंतुलित रसायनिक समीकरण को कंकाली समीकरण कहते है।
✵द्रव्यमान संरक्षण के नियम को संतुष्ट करने के लिए रसायनिक समीकरण को संतुलित किया जाता है।
द्रव्यमान संरक्षण के नियम : किसी भी रसायनिक अभिक्रिया में द्रव्यमान का ना तो सृजन होता है ना ही विनाश होता है।
✵किसी भी रसायनिक अभिक्रिया के उत्पाद तत्वों का कुल द्रव्यमान अभिकारक तत्वों के कुल द्रव्यमान के बराबर होता है।
✵रसायनिक अभिक्रिया के बाद और रसायनिक अभिक्रिया के पहले प्रत्येक तत्व के परमाणुओं की संख्या समान रहती है।
कंकाली समीकरण को Hit and trial method or inspecting methodके उपयोग से संतुलित किया जा सकता है।
संयोजन अभिक्रिया, वियोजन अभिक्रिया, विस्थापन अभिक्रिया, द्वि-विस्थापन अभिक्रिया, उपचयन और अपचयन ये सभी रसायनिक अभिक्रिया के प्रकार है।
संक्षारण और विकृत-गंधिता उपचयन अभिक्रिया के प्रभाव के कारण होते है।
✵एक सम्पूर्ण रसायनिक अभिक्रिया अभिकारक, उत्पाद और उनके भौतिक दशाओं को संकेतोंमें दर्शाता है।
संयोजन अभिक्रिया में दो या दो से अधिक पदार्थ मिलकर एक एकल नया उत्पाद बनाते है।
✵जिस अभिक्रिया में ऊर्जा का अवशोषण होता है वह ऊष्माशोषी अभिक्रिया कहलाती है।
अवक्षेपण अभिक्रियायें अघुलनशील लवणों का उत्पादन करती है।
द्वि-विस्थापन अभिक्रिया में दो भिन्न अणुओं या अणुओं के समूहों में बीच आयनों (ions) का अदान-प्रदान होता है।
✵अभिक्रिया में पदार्थों से ऑक्सीजन या हाइड्रोजन का योग अथवा ह्रास भी होता है।
✵ऑक्सीजन का योग अथवा हाइड्रोजन का ह्रास आक्सीकरण या उपचयन कहलाता है।
✵ऑक्सीजन का ह्रास अथवा हाइड्रोजन का योग अपचयन कहलाता है।
✵जब कोई तत्व किसी यौगिक से किसी दुसरे तत्व को विस्थापित करता है तो विस्थापन अभिक्रिया होती है।
विस्थापन अभिक्रिया में एक अधिक अभिक्रियाशील तत्व कम अभिक्रियाशील पदार्थ को विस्थापित कर देता है। जैसे आयरन जिंक और कॉपर को विस्थापित कर देता है क्योंकि आयरन जिंक और कॉपर से अधिक अभिक्रियाशील है।
द्वि-विस्थापन अभिक्रिया में आयनों का आदान-प्रदान होता है।
✵हमारे भोजन में ऑक्सीजन के वृद्धि से भोजन का उपचयन तेजी से होता है जिससे वह विकृत-गंधित हो जाता है।
विकृत-गंधित पदार्थों का गंध और स्वाद बदल जाता है।

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